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  • Madhurashtakam (Adharam Madhuram)   8
  • वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुर:,
    पाणिर्मधुर: पादौ मधुरौ।
    नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं,
    मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।3।।

    *आपकी बांसुरी मधुर है, आपके लगाए हुए पुष्प मधुर हैं, आपके हाथ मधुर हैं, आपके चरण मधुर हैं, आपका नृत्य मधुर है, आपकी मित्रता मधुर है, मधुरता के ईश हे श्रीकृष्ण! आपका सब कुछ मधुर है। ।।3।।*
  • 4 years ago



    Tags : Madhurashtakam (Adharam Madhuram)
  • गीतं मधुरं पीतं मधुरं,
    भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरम्।
    रूपं मधुरं तिलकं मधुरं,
    मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।4।।

    *आपके गीत मधुर हैं, आपका पीना मधुर है, आपका खाना मधुर है, आपका सोना मधुर है, आपका रूप मधुर है, आपका टीका मधुर है, मधुरता के ईश हे श्रीकृष्ण! आपका सब कुछ मधुर है ।।4।।*
  • 4 years ago



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  • गोपी मधुरा लीला मधुरा,
    युक्तं मधुरं मुक्तं मधुरम्।
    दृष्टं मधुरं शिष्टं मधुरं,
    मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।7।।

    *आपकी गोपियां मधुर हैं, आपकी लीला मधुर है, आप उनके साथ मधुर हैं, आप उनके बिना मधुर हैं, आपका देखना मधुर है, आपकी शिष्टता मधुर है, मधुरता के ईश हे श्रीकृष्ण! आपका सब कुछ मधुर है ।।7।।*
  • 4 years ago



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  • अधरं मधुरं वदनं मधुरं,
    नयनं मधुरं हसितं मधुरम्।
    हृदयं मधुरं गमनं मधुरं,
    मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।1।।

    *(हे कृष्ण!) आपके होंठ मधुर हैं, आपका मुख मधुर है, आपकी आंखें मधुर हैं, आपकी मुस्कान मधुर है, आपका हृदय मधुर है, आपकी चाल मधुर है, मधुरता के ईश हे श्रीकृष्ण! आपका सब कुछ मधुर है ।।1।।*
  • 4 years ago



    Tags : Madhurashtakam (Adharam Madhuram)
  • गुंजा मधुरा माला मधुरा,
    यमुना मधुरा वीची मधुरा।
    सलिलं मधुरं कमलं मधुरं,
    मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।6।।

    *आपकी घुंघची मधुर है, आपकी माला मधुर है, आपकी यमुना मधुर है, उसकी लहरें मधुर हैं, उसका पानी मधुर है, उसके कमल मधुर हैं, मधुरता के ईश हे श्रीकृष्ण! आपका सब कुछ मधुर है ।।6।।*
  • 4 years ago



    Tags : Madhurashtakam (Adharam Madhuram)
  • वचनं मधुरं चरितं मधुरं,
    वसनं मधुरं वलितं मधुरम्।
    चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं,
    मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।2।।

    *आपका बोलना मधुर है, आपके चरित्र मधुर हैं, आपके वस्त्र मधुर हैं, आपका तिरछा खड़ा होना मधुर है, आपका चलना मधुर है, आपका घूमना मधुर है, मधुरता के ईश हे श्रीकृष्ण! आपका सब कुछ मधुर है ।।2।।*
  • 4 years ago



    Tags : Madhurashtakam (Adharam Madhuram)
  • गोपा मधुरा गावो मधुरा,
    यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा।
    दलितं मधुरं फलितं मधुरं,
    मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।8।।

    *आपके गोप मधुर हैं, आपकी गायें मधुर हैं, आपकी छड़ी मधुर है, आपकी सृष्टि मधुर है, आपका विनाश करना मधुर है, आपका वर देना मधुर है, मधुरता के ईश हे श्रीकृष्ण! आपका सब कुछ मधुर है ।।8।।*
  • 4 years ago



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  • करणं मधुरं तरणं मधुरं,
    हरणं मधुरं रमणं मधुरम्।
    वमितं मधुरं शमितं मधुरं,
    मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।5।।

    *आपके कार्य मधुर हैं, आपका तैरना मधुर है, आपका चोरी करना मधुर है, आपका प्यार करना मधुर है, आपके शब्द मधुर हैं, आपका शांत रहना मधुर है, मधुरता के ईश हे श्रीकृष्ण! आपका सब कुछ मधुर है ।।5।।*
  • 4 years ago



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