Life is a puzzle in the colorsyou choose,
It is a lottery;
sometimes you’ll win, sometimes you’ll lose.
A tear will fall, many times your heart will break,
But you should never give up trying,
Because life is yours to take.
Kavita Hoy Ke Kalakruti,
Pustak Hoy Ke Natak,
Darek Sarjak Naam Potanu Aape 6,
Pan MAA Jevu Sarjak Koi Nati,
Santan Ne Janam Aape che Ne Naam PITA Nu Aape 6.
Time Has No Holiday..... dreams Have No Expiry Date..... And Life Has No Pause Button. Live It....Love It.... Enjoy Each And Every Moment Of Your Life......
Save Only Those Memories Which Give Twinkle In Your Eyes ... Not Wrinkles On Ur Face....!! Gud Nun:rose:
दरिया :sweat_drops: ने झरने से पूछा तुझे समन्दर :ocean: नहीं बनना :smirk: है क्या.? झरने ने बड़ी नम्रता :relieved: से कहा :wink: बड़ा बनकर खारा :cold_sweat: हो जाने से अच्छा है, छोटा रह कर मीठा :kissing_heart: ही रहूँ.
Its A Nice Feeling When You Know That
Some 1 Loves U,
Some 1 Miss U,
Some 1 Needs U,
.
But It Feels Much
Better When U Know That
Some 1 Never Forgets U..
Zindagi ki rahon me tum b chor gaye Akhir
Baray Hmdard Bntay thay mera dil tor gaye Akhir
Tum pe to baray maan thay meri umeedon ko
Ab kis se gila Krun tum hi mooh mor gaye Akhir
Log to chlo log thay unho ne jo kiya so kiya
Bhari duniya me Aj tum b tanha chor gaye Akhir
Tum to kehtay thay hum wo Nhi k chorein apno ko
Apne waday apni kasmen khud hi tor gaye Akhir
Wah kya khoob sath nibhaaya hai tum ne
Hmari rahen udasiyon ko mor gaye Akhir..!
*एक औरत अपने परिवार के सदस्यों के लिए रोज़ाना भोजन पकाती थी और एक रोटी वह वहाँ से गुजरने वाले किसी भी भूखे के लिए पकाती थी..।*
*वह उस रोटी को खिड़की के सहारे रख दिया करती थी, जिसे कोई भी ले सकता था..।*
*एक कुबड़ा व्यक्ति रोज़ उस रोटी को ले जाता और बजाय धन्यवाद देने के अपने रस्ते पर चलता हुआ वह कुछ इस तरह बड़बड़ाता- "जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा..।"*
*दिन गुजरते गए और ये सिलसिला चलता रहा..*
*वो कुबड़ा रोज रोटी लेके जाता रहा और इन्ही शब्दों को बड़बड़ाता - "जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा.।"*
*वह औरत उसकी इस हरकत से तंग आ गयी और मन ही मन खुद से कहने लगी की-"कितना अजीब व्यक्ति है,एक शब्द धन्यवाद का तो देता नहीं है, और न जाने क्या-क्या बड़बड़ाता रहता है, मतलब क्या है इसका.।"*
*एक दिन क्रोधित होकर उसने एक निर्णय लिया और बोली-"मैं इस कुबड़े से निजात पाकर रहूंगी।"*
*और उसने क्या किया कि उसने उस रोटी में ज़हर मिला दिया जो वो रोज़ उसके लिए बनाती थी, और जैसे ही उसने रोटी को को खिड़की पर रखने कि कोशिश की, कि अचानक उसके हाथ कांपने लगे और रुक गये और वह बोली- "हे भगवन, मैं ये क्या करने जा रही थी.?" और उसने तुरंत उस रोटी को चूल्हे कि आँच में जला दिया..। एक ताज़ा रोटी बनायीं और खिड़की के सहारे रख दी..।*
*हर रोज़ कि तरह वह कुबड़ा आया और रोटी ले के: "जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा, और जो तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा" बड़बड़ाता हुआ चला गया..।*
*इस बात से बिलकुल बेख़बर कि उस महिला के दिमाग में क्या चल रहा है..।*
*हर रोज़ जब वह महिला खिड़की पर रोटी रखती थी तो वह भगवान से अपने पुत्र कि सलामती और अच्छी सेहत और घर वापसी के लिए प्रार्थना करती थी, जो कि अपने सुन्दर भविष्य के निर्माण के लिए कहीं बाहर गया हुआ था..। महीनों से उसकी कोई ख़बर नहीं थी..।*
*ठीक उसी शाम को उसके दरवाज़े पर एक दस्तक होती है.. वह दरवाजा खोलती है और भोंचक्की रह जाती है.. अपने बेटे को अपने सामने खड़ा देखती है..।*
*वह पतला और दुबला हो गया था.. उसके कपडे फटे हुए थे और वह भूखा भी था, भूख से वह कमज़ोर हो गया था..।*
*जैसे ही उसने अपनी माँ को देखा, उसने कहा- "माँ, यह एक चमत्कार है कि मैं यहाँ हूँ.. आज जब मैं घर से एक मील दूर था, मैं इतना भूखा था कि मैं गिर गया.. मैं मर गया होता..।*
*लेकिन तभी एक कुबड़ा वहां से गुज़र रहा था.. उसकी नज़र मुझ पर पड़ी और उसने मुझे अपनी गोद में उठा लिया.. भूख के मरे मेरे प्राण निकल रहे थे.. मैंने उससे खाने को कुछ माँगा.. उसने नि:संकोच अपनी रोटी मुझे यह कह कर दे दी कि- "मैं हर रोज़ यही खाता हूँ, लेकिन आज मुझसे ज़्यादा जरुरत इसकी तुम्हें है.. सो ये लो और अपनी भूख को तृप्त करो.।"*
*जैसे ही माँ ने उसकी बात सुनी, माँ का चेहरा पीला पड़ गया और अपने आप को सँभालने के लिए उसने दरवाज़े का सहारा लीया..।*
*उसके मस्तिष्क में वह बात घुमने लगी कि कैसे उसने सुबह रोटी में जहर मिलाया था, अगर उसने वह रोटी आग में जला के नष्ट नहीं की होती तो उसका बेटा उस रोटी को खा लेता और अंजाम होता उसकी मौत..?*
*और इसके बाद उसे उन शब्दों का मतलब बिलकुल स्पष्ट हो चूका था-* *जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा,और जो तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा।।*
*" निष्कर्ष "* ========== *हमेशा अच्छा करो और अच्छा करने से अपने आप को कभी मत रोको, फिर चाहे उसके लिए उस समय आपकी सराहना या प्रशंसा हो या ना हो..।* ==========
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मैं आपसे दावे के साथ कह सकता हूँ कि ये बहुत से लोगों के जीवन को छुएगी व बदलेगी.:pray::blush: