*कमी हो तो अच्छे आचरण से* *पूरी की जा सकती है ।* *पर अच्छे आचरण की कमी हो* *तो वह सुंदरता से पूरी नही* *की जा सकती ।।* *याद रहे, जिस वक्त हम किसी* *का अपमान कर रहे होते है* *उस वक्त हम अपना* *सम्मान खो रहे होते है...,*
*समुद्र सभी के लिए एक ही है ... पर...,* *कुछ उसमें से मोती ढूंढते है ..* *कुछ उसमें से मछली ढूंढते है ..* *और, कुछ सिर्फ अपने पैर गीले करते है..,* *ज़िदगी भी... समुद्र की भांति ही है,* *यह सिर्फ हम पर ही निर्भर करता है, कि, इस जीवन रुपी समुद्र से हम क्या पाना चाहते है, हमें क्या ढूंढ़ना है ?*