क्योंकि भोजन न *पचने* पर रोग बढते है...! पैसा न *पचने* पर दिखावा बढता है...! बात न *पचने* पर चुगली बढती है...! प्रशंसा न *पचने* पर अंहकार बढता है....! निंदा न *पचने* पर दुश्मनी बढती है...! राज न *पचने* पर खतरा बढता है...! दुःख न *पचने* पर निराशा बढती है...! और सुख न *पचने* पर पाप बढता है...!
अगर मैं एक दिन मर जाऊं तो मैं ख़ुशी से जाऊँगा क्योंकि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश की। मेरे खेल ने मुझे ऐसा करने दिया क्योंकि ये दुनिया का सबसे बड़ा खेल है ।