बच्चे:bath_tone2: के रूप में आप ईश्वर के दूत है, जो शांति और प्यार का सन्देश:envelope_with_arrow: लाते है | लेकिन इस दुनिया से जब आप वापस जाते है, तो सोचिये, ईश्वर के लिए आप क्या सन्देश:envelope_with_arrow: ले जाते हैं ? :smiley::smiley::smiley::smiley:
जीवन में सुख हो या दुख, सम्मान या अपमान, अंधेरा या उजाला, भीतर के तराजू को साधते चला जाए कोई, तो एक दिन उस परम संतुलन पर आ जाता है, जहां जीवन तो नहीं होता, अस्तित्व होता है; जहां लहर नहीं होती, सागर होता है; जहां 'मैं' नहीं होता, 'सब' होता है। " ~ ~ ओशो ...
पीपल के पत्तों जैसा मत बनिए, जो वक़्त आने पर सूख कर गिर जाते है। अगर बनना ही है, तो मेहंदी के पत्तों जैसा बनिए, जो सूखने के बाद भी, पीसने पर दूसरों की ज़िन्दगी में रंग भर देते हैं।