वफाओं की बातें की हमने जफ़ाओं के सामने;
ले चले हम चिराग़ हवाओं के सामने;
उठे हैं जब भी हाथ बदली हैं क़िस्मतें;
मजबूर है खुदा भी दुआओं के सामने।
उम्र की राह में रास्ते बदल जाते हैं;
वक़्त की आंधी में इंसान बदल जाते हैं;
सोचते हैं तुम्हें इतना याद न करे लेकिन;
आँख बंद करते ही ख़यालात बदल जाते हैं।
#मन्दिर :european_castle: की #घण्टी :bell: बजा #बजा कर भी #थक :disappointed_relieved: चुका हूं... ना जाने उसके #दिल :heartpulse: में मेरे #प्यार :couple_with_heart: की #घंटी :bell: कब बजेगी?
हवा बन कर...
हवा बन कर बिखरने से;
उसे क्या फ़र्क़ पड़ता है;
मेरे जीने या मरने से;
उसे क्या फ़र्क़ पड़ता है;
उसे तो अपनी खुशियों से;
ज़रा भी फुर्सत नहीं मिलती;
मेरे ग़म के उभरने से;
उसे क्या फ़र्क़ पड़ता है;
उस शख्स की यादों में;
मैं चाहे रोते रहूँ लेकिन;
मेरे ऐसा करने से;
उसे क्या फ़र्क़ पड़ता है।
Meri uljhi duniya ko tu yu aabad na kar,
beete lamho ko tu firse yaad na kar,
ek ked parinde ka hai tumse bas yahi kehna,
me bhul chuka hu udaan mujhe firse aazad na kar..
कितनी अजीब बात है ना जब तू मेरे पास थी तो,
हर दम ये सोचता था की क्या में तेरी कदर नहीं करता
और आज तू मेरे पास नहीं है तो है तो ये एहसास होता है की,
कदर तो हमेशा से थी मगर तुजे न खोने के यकीन ने अँधा कर दिया था.
दिल मेरा जिस से...
दिल मेरा जिस से बहलता कोई ऐसा न मिला;
बुत के बन्दे तो मिले अल्लाह का बन्दा न मिला;
बज़्म-ए-याराँ से फिरी बाद-ए-बहारी मायूस;
एक सर भी उसे आमादा-ए-सौदा न मिला;
गुल के ख़्वाहाँ तो नज़र आये बहुत इत्रफ़रोश;
तालिब-ए-ज़मज़म-ए-बुलबुल-ए-शैदा न मिला;
वाह क्या राह दिखाई हमें मुर्शद ने;
कर दिया काबे को गुम और कलीसा न मिला;
सय्यद उट्ठे जो गज़ट ले के तो लाखों लाये;
शैख़ क़ुरान दिखाता फिरा पैसा न मिला।