નરેન્દ્ર મોદી પાછા રાતે ટીવી પર આવ્યા હોય અને કીધું હોય કે " 'આજે રાતે 12 વાગ્યા થી........' આટલું બોલ્યા હોય ત્યાં લાઈટ જતી રહે તો ?????? હોસ્પિટલો ભરાઈ જાય કે નહિ???
अब जब सबको नोट बदलवाने हैं तो देखिए बॉलीवुड में नोट कैसे बदले जाते हैं :
अमिताभ बच्चन लाईन में खड़े लोगों को हटाकर सबसे आगे खड़ा हो जाता है। लोग चिल्लाते हैं तो अमिताभ: "जहाँ हम खड़े हैं लाईन वहीं से शुरू होती है।":grimacing:
फिर शत्रुघ्न आकर खड़ा हो गया तो पब्लिक फिर चिल्लाने लगे तो उसने सब से कहा: "खामोश।":relieved:
ए के हंगल आते ही बोले: "इतनी लम्बी लाइन क्यों है भाई?":flushed:
राजकुमार बोला : "नोट बदलेंगे, जरूर बदलेंगे। लेकिन बैंक भी हमारा होगा, नोट भी हमारा होगा और समय भी हमारा होगा।"????
अजित बैंक में आया ही नहीं और सीधे बैंक मैनेजर को फोन किया: "देखो बरखुर्दार... तुम्हरी बेटी हमारे कब्जे में है।":scream:
धर्मेंद्र तो बहुत गुस्सा गुस्से में था: "कुत्ते... कमीने... मैं गिन गिन के नोट बदलूंगा।":rage:
मीना कुमारी तो रोने लगी: "हे खुदा परवरदिगार! मैं क्या करूं? कहाँ जाऊँ?":cry:
राखी एक गुफा में देवी की मूर्ति के पैरों पर गिरकर चिल्लाने लगी: "मेरे 500 और 1000 के नोट आयेंगे।":blush:
प्रेम चोपड़ा डराने लगा: "मैं वो बला हूँ जो 500 की डुप्लिकेट नोट देके 2000 के असली नोट लाऊंगा।"????
गब्बर सिंह फोन पर चिंघाड़ा: "अरे ओ मैनेजर... कितने आदमी लगे हैं लाईन में?":worried:
राजेश खन्ना ने आखिरी में सबको समझाया: "बाबू मोशाय, यह दुनिया रंग रंगीली है... कल ब्लू और हरी नोट थी... आज गुलाबी है।":wink:
वो तो भला हो मुकेश जी का, वरना नोटबन्दी की इस कंगाली में कितनो का व्हाट्सप्प चलाना भी बन्द हो गया होता। . . मुकेश जी ज़िंदाबाद :joy::joy::joy::joy::laughing::laughing::laughing::laughing:
मै और मेरी पत्नी आज ये बातें करते थे तुम बेंक की लाईन मे आगे खडे रहेना मै भी लाईन मे तुम्हारे साथ रहुंगा लाईन तो बडी लंबी होगी प्यास लगी तो तुम मुझे पानी पीलाना भूख लगी तो मै तम्हे वडापाँव खिलाऊंगा मै और मेरी पत्नी आज ये बातें करते थे
(The Moment They Reached To Bank... There Was A Long Queue....)
ये कहां.... आ गये हम.... युंही साथ साथ चलते कड़ी धूप मे है जानम मेरे जिस्म -ओ-जाँ पीघलते
मजबूर ये हालात इधर भी है उधर भी लम्बी लम्बी ये लाइन इधर भी है उधर भी कहेने को बहुत कुछ है मगर किससे कहे हम कब तक युं ही खामोश रहे और सहे हम दिल कहेता है बेन्क की हरेक लाइन को तोड दे दिवार जो है ढाई हजार निकासी की वो गीरा दे सीधे चले जाए कॅशीयर के पास और कहे हाँ हमे कॅश चाहिए, हमको कॅश दे दे, कॅश दे दे, कॅश दे दे हर दिल मे यही बात इधर भी है उधर भी...
३१ मार्च तक मार्निंग वॉक की जगह नाइट वॉक करें व वी.आई.पी. और पॉश एरिया में वॉक करें,
२ सेल की टॉर्च व बोरा साथ रखें,
नोट फेंकने का सिलसिला चालू हो गया है । पता नहीं किस सड़क पर किस मोड़ पर किस्मत खुल जाए, लेकिन उठायें उतना ही जितना खपा सकें, बाकि पीछे वालों के लिए छोड़ दें ।
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