वक़्त की तुफान में बिखरते चले गए
तनहाई की गहराई में उतरते चले गए
जन्नत थी हर सुबह शाम जीन दोस्तो के साथ
एक एक कर के सब बिछडते चले गए
थँक्स टू व्हॉट्सअप साले सब वापीस मिल गए.
इन दुनिया में :v: दो पौधे ऐसे हैं जो कभी :hibiscus: मुरझाते नहीं, और अगर जो मुरझा गए तो उसका कोई :hospital: इलाज नहीं, पहला :heart: ‘नि:स्वार्थ प्रेम’और दूसरा ‘अटूट विश्वास’
उम्र भर चलते रहे
मगर कंधो पे आये कब्र तक,
बस कुछ कदम के वास्ते गैरों का अहसान हो गया.!
ये ना पूछ मैं शराबी क्यू हुआ
बस यूँ समझ ले गमों के बोझ से नशे की बोतल
सस्ती लगी,
Ye duniya hai yahan pe ye tamasha ho bhi skta hai...
Abhi jo ghum humra hai tumhara ho bhi sakta hai...
Tum apne aap ko hargiz koi ilzam mat dena...
Ye soda hai mohabbat ka khasara ho bhi sakta hai...
Tum ye mat samajh na tum hi meri akhri mohabbat ho...
Mohabbat jurm hai hum se dobara ho bhi sakta hai..
हाथों:raised_hand: में मेरे किताब:closed_book:... और सामने तेरा किताबी चेहरा:woman: किताब:closed_book: पढ़ा जाता नही.. और तेरा चेहरा:woman: पढ़ने आता नही।
Kitna ajeeb apni zindagi ka safar nikla,
Saare jahan ka dard apna muqaddar nikla,
Jiske nam apni zindagi ka har lmha kar diya
Afsos whi humari chahat se bekhabar nikla.