कल जो मैंने एक बच्चे से पूछा: पढ़ाई कैसी चल रही है? उसका जवाब आया अंकल, समंदर जितना सिलेबस है; नदी जितना पढ़ पाते हैं; बाल्टी जितना याद होता है; गिलास भर लिख पाते हैं; चुल्लू भर नंबर आते हैं; उसी में डूब कर मर जाते हैं। :fallen_leaf::sleepy::fallen_leaf::innocent::palm_tree::stuck_out_tongue_closed_eyes::ocean::rage::heavy_dollar_sign:
“समय बहाकर ले जाता है नाम और निशान कोई हम में रह जाता है कोई अहम में रह जाता है बोल मीठे ना हों तो हिचकियाँ भी नहीं आती घर बड़ा हो या छोटा अगर मिठास ना हो तो इंसान क्या चींटियां भी नहीं आती”