रौशन जमाल-ए-यार...
रौशन जमाल-ए-यार से है अंजुमन तमाम;
देखा हुआ है आतिश-ए-गुल से चमन तमाम;
हैरत गुरुर-ए-हुस्न से शोखी से इज़तराब;
दिल ने भी तेरे सीख लिए हैं चलन तमाम;
अल्लाह रे हुस्न-ए-यार की खूबी के खुद-ब-खुद;
रंगीनियों में डूब गया पैरहान तमाम;
देख तो हुस्न-ए-यार की जादुई निगाहें;
बेहोश एक नज़र में हुई अंजूमन तमाम।
मेरी गली से वो जब भी गुज़रता होगा;
मोड़ पे जा के कुछ देर ठहरता होगा;
भूल जाना मुझको इतना आसान तो न होगा;
दिल में कुछ तो टूट के उसके भी बिखरता होगा।
यह ना थी हमारी क़िस्मत, कि विसाल-ए-यार होता;
अगर और जीते रहते, यही इंतज़ार होता;
तेरे वादे पर जाएँ हम, तो यह जान झूठ जाना;
कि ख़ुशी से मर ना जाते, अगर ऐतबार होता।
बहुत महंगे किराए के मकाँ से;
चलो आओ चलें अब इस जहां से;
यूँ ही तुम थामे रहना हाथ मेरा;
हमे जाना है आगे आसमां से;
ये तुम ही हो मेरे हमराह वरना;
मेरे पैरों में दम आया कहाँ से;
मेरी आँखों से क्या ज़ाहिर नहीं था;
मैं तेरा नाम क्या लेता जुबां से।
हम तो मौजूद थे रात में उजालों की तरह;
लोग निकले ही नहीं ढूंढने वालों की तरह;
दिल तो क्या हम रूह में भी उतर जाते;
उस ने चाहा ही नहीं चाहने वालों की तरह।
कठिन है राह-गुज़र...
कठिन है राह-गुज़र थोड़ी देर साथ चलो;
बहुत कड़ा है सफ़र थोड़ी देर साथ चलो;
तमाम उम्र कहाँ कोई साथ देता है;
ये जानता हूँ मगर थोड़ी दूर साथ चलो;
नशे में चूर हूँ मैं भी तुम्हें भी होश नहीं;
बड़ा मज़ा हो अगर थोड़ी दूर साथ चलो।
Achhi Nind Aaye Isliye!
"GOOD NIGHT"
Pyare Se Sapne Aaye Isliye!
"SWEET DREAM"
Sapne Dekhte Samay Bed Se Niche Na Gir Jaye Isliye!
"TAKE CARE"
GOOD NIGHT..
AWESOME
नया दर्द एक और दिल में जगा कर चला गया;
कल फिर वो मेरे शहर में आकर चला गया;
जिसे ढूंढ़ता रहा मैं लोगों की भीड़ में;
मुझसे वो अपने आप को छुपा कर चला गया।