तेरे हाथ की काश मैं वो लकीर बन जाऊं;
काश मैं तेरा मुक़द्दर तेरी तक़दीर बन जाऊं;
मैं तुम्हें इतना चाहूँ कि तुम भूल जाओ हर रिश्ता;
सिर्फ मैं ही तुम्हारे हर रिश्ते की तस्वीर बन जाऊं;
तुम आँखें बंद करो तो आऊं मैं ही नज़र;
इस तरह मैं तुम्हारे हर ख्वाब की ताबीर बन जाऊं!
जब तेरी ररहमतों पर मेरी नज़र जाती है;
ऐ खुदा! मेरी ये दो आँखें फिर भर आती हैं;
तू दे रहा है मुझे हर चीज़ इस कदर;
कि हाथ दुआ में उठने से पहले ही झोली भर जाती है...
Mujhe Dekh Muskuraya Na Karo, Raaton Ko Khawab Main Aakar Jagaya Na Karo, Mohabbat Hai Yaa Hai Nafrat Humse Saaf Saaf Kehdo, Yuh Khamosh Reh Kar Dil Humara Jalaya Na Karo.
Ladko Ka Hisaab Kitaab Karne Ki
Kshamta
Daaru Pitey Time Dekhni Chahiye..
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Sab Ke Peg Mein Ek Ek Boond Aise
Barabar
Dekh Ke Daaltey Hai
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Jaise Amrit Pee Rahe Ho..