Ye duniya hai yahan pe ye tamasha ho bhi skta hai...
Abhi jo ghum humra hai tumhara ho bhi sakta hai...
Tum apne aap ko hargiz koi ilzam mat dena...
Ye soda hai mohabbat ka khasara ho bhi sakta hai...
Tum ye mat samajh na tum hi meri akhri mohabbat ho...
Mohabbat jurm hai hum se dobara ho bhi sakta hai..
Is Duniya Me Koi Kisi Ka Nahi
Hota....
Lakh Nibhao Rishta Koi Apna
Nahi Hota...
Galat Fehmi Rehti Hai Thode
Din....
Fir Aankhon Me Aansuon Ke
Siwa....
Kuch Nahi Hota...
मोहबत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम है,
और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं
उनको, हुमारा ये पेघाम हैं,
“वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को फ़ना करो,
वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो”
तेरे हाथ की काश मैं वो लकीर बन जाऊं;
काश मैं तेरा मुक़द्दर तेरी तक़दीर बन जाऊं;
मैं तुम्हें इतना चाहूँ कि तुम भूल जाओ हर रिश्ता;
सिर्फ मैं ही तुम्हारे हर रिश्ते की तस्वीर बन जाऊं;
तुम आँखें बंद करो तो आऊं मैं ही नज़र;
इस तरह मैं तुम्हारे हर ख्वाब की ताबीर बन जाऊं!