किस रिश्ते में किस अंग में रंग लगायें :-
1-माता – पैर ,
2-पिता-सीने पर ,
3-पत्नी / पति – सर्वांग ,
4-बड़ा भाई -मस्तक ,
5-छोटा भाई – भुजायें,
6-बड़ी बहन – हाथ और पीठ,
7-छोटी बहन – गाल,
8-बड़ी भाभी / देवर – हाथ और पैर (ननद और देवरानी को खुली छूट )
9-छोटी भाभी -सर और कन्धे (ननद खुली छूट )
10-चाची / चाचा – सर से रंग उड़ेले ,
11-साले सरहज – जी भरके पटकी पटका होने के पहले तक।
12-ताई / ताऊ – पैर और माथे पर ,
13-मामा / मामी – बच कर जाने न पायें ,
14-बुआ / फूफा – जी भर कर रंग लगायें,
15-मौसी , / मौसा – डिस्टेन्स मेन्टेन करके रंग लगायें ,
16-पड़ोसी सिर्फ सूखा रंग ही लगायें उसमें इत्र जरुर डालें ,
17-मित्र – मर्यादायें भूल कर रंग लगायें ,
18-बॉस – माथे पर टिका लगायें ,
19-बॉस की पत्नी – हाथ में रंग का पैकेट देकर नमस्कार कर
लें ,
शिष्टाचार की सीमा के अन्दर रंग लगायें ,
अनजाने व्यक्तियों को – सामाजिक मर्यादा और
शिष्टाचार का पूरा ध्यान रखें |
रंगों का त्योहार आपके लिए आनंदोत्सव साबित हो।