*अच्छा वक़्त उसी का होता हैं...* *जो किसी का बुरा नहीं सोचते हैं...*
*श्री कृष्ण जी कहते *मत सोच की तेरा* *सपना क्यों पूरा नहीं होता* *हिम्मत वालो का इरादा* *कभी अधुरा नहीं होता* *जिस इंसान के कर्म* *अच्छे होते है* *उस के जीवन में कभी* *अँधेरा नहीं होता* ..
क्योंकि भोजन न *पचने* पर रोग बढते है...! पैसा न *पचने* पर दिखावा बढता है...! बात न *पचने* पर चुगली बढती है...! प्रशंसा न *पचने* पर अंहकार बढता है....! निंदा न *पचने* पर दुश्मनी बढती है...! राज न *पचने* पर खतरा बढता है...! दुःख न *पचने* पर निराशा बढती है...! और सुख न *पचने* पर पाप बढता है...!
*जीवन में अगर ''''खुश'''' रहना है तो,* *स्वयं को एक ''''शांत सरोवर'''' की तरह बनाए.....* *जिसमें कोई ''''अंगारा'''' भी फेंके तो..* *खुद बख़ुद ठंडा हो जाए.....!!!!*