कि आसान रास्तों पर चलने का शौक नहीं, मुझे चुनौतियों से लड़ना बखूभी आता है। ये आंधी तूफान विपदा दुख: दर्द क्या बिगाड़ेगे मेरा, इनसे तो मेरा वर्षों वर्षों का नाता हैं।
“समय बहाकर ले जाता है नाम और निशान कोई हम में रह जाता है कोई अहम में रह जाता है बोल मीठे ना हों तो हिचकियाँ भी नहीं आती घर बड़ा हो या छोटा अगर मिठास ना हो तो इंसान क्या चींटियां भी नहीं आती”